Delhi NCR Storm: दिल्ली-NCR में क्यों बार-बार तेज आंधी और बारिश हो रही है?
हाल के दिनों में दिल्ली-NCR में जिस तरह से बार-बार तेज आंधी, धूल भरी हवाएं और अचानक बारिश हो रही है, उसने आम लोगों से लेकर मौसम विशेषज्ञों तक को चौंका दिया है। 21 मई 2025 को जिस तरह से दिल्ली में तेज तूफान आया, वह केवल एक साधारण मौसमीय घटना नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक जटिल और बड़ा सिस्टम काम कर रहा है। वैज्ञानिकों और मौसम विभाग की रिपोर्टों के अनुसार, यह एक “पूर्व-पश्चिम ट्रफ” और “चक्रवाती परिसंचरण” का परिणाम था, जो पंजाब से लेकर बांग्लादेश तक फैला हुआ था। इस सिस्टम के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से नमी तेजी से उत्तर भारत की ओर खिंच रही है, जिससे अस्थिरता बढ़ रही है और आंधी-तूफान की घटनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं।
वीडियो रिपोर्ट: देखें दिल्ली में 21 मई को आए तूफान की लाइव फुटेज
यह वीडियो NDTV द्वारा प्रकाशित किया गया है जिसमें 21 मई 2025 को दिल्ली-NCR में आए तेज तूफान के लाइव दृश्य दिखाए गए हैं। इसमें बिजली कटौती, होर्डिंग्स गिरने और ट्रैफिक पर असर को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
हरियाणा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला है मौसमी ट्रफ सिस्टम
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, इस पूरे मौसमी बदलाव की जड़ें हरियाणा के ऊपर बने एक सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण में हैं, जो एक ट्रफ लाइन के साथ पश्चिम से पूर्व की ओर फैला हुआ है। यह ट्रफ पंजाब से शुरू होकर हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुंचता है। इसके परिणामस्वरूप अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारी मात्रा में आर्द्रता युक्त हवाएं उत्तर भारत की ओर आ रही हैं। जब यह नमी भरी हवाएं दिल्ली और इसके आसपास के शुष्क और गर्म इलाकों से टकराती हैं, तो वातावरण में तीव्र अस्थिरता उत्पन्न होती है। इसका सीधा परिणाम होता है – तेज हवाएं, धूल भरी आंधियां, ओलावृष्टि और भारी बारिश।
दिल्ली-NCR में फील्स लाइक टेम्परेचर 50°C तक पहुंचा
तूफानों से पहले दिल्ली में जो गर्मी का प्रकोप देखा गया, वह भी कम खतरनाक नहीं था। 21 मई को दिन के समय दिल्ली में फील्स लाइक तापमान 50.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह आंकड़ा सामान्य तापमान से कहीं अधिक था, जो इस बात का संकेत देता है कि वातावरण में आद्र्रता कितनी अधिक थी। जब इतनी गर्मी और आद्र्रता एक साथ वातावरण में हो और ऊपर से ट्रफ सिस्टम के कारण नमी आए, तो ऐसी परिस्थितियों में तूफान आना लगभग तय हो जाता है। इस कारण, दिल्ली में तेज हवा के साथ धूल भरी आंधी चली, जिसकी रफ्तार 79 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई।
तूफान के कारण जनजीवन पर पड़ा गंभीर असर
तेज तूफान और आंधी का असर केवल मौसम तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका व्यापक असर जनजीवन पर भी पड़ा। दिल्ली-NCR में पेड़ उखड़ गए, बिजली की लाइनें टूट गईं, मेट्रो सेवाएं बाधित हुईं और कई इलाकों में बिजली पूरी तरह से चली गई। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों को रोकना पड़ा और कई फ्लाइट्स डायवर्ट की गईं। यातायात पर असर इतना था कि घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही। मौसम विभाग ने इसे रेड अलर्ट घोषित किया और आम नागरिकों को घरों में रहने की सलाह दी। खासकर बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोगों को बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की नमी ने बढ़ाई गंभीरता
मौसम विभाग की रिपोर्टों के अनुसार, इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से आने वाली नमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अमूमन एक सिस्टम एक ही समुद्र से नमी खींचता है, लेकिन इस बार दो दिशाओं से मिल रही नमी के कारण ट्रफ सिस्टम और अधिक सशक्त हो गया। इसके चलते आसमान में बादलों की मोटी परत बनने लगी और वह तीव्र गति से तूफानी रूप लेने लगी। जब इन बादलों में एक साथ अधिक नमी और गर्मी भर जाती है, तो उनका परिणाम तीव्र आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के रूप में सामने आता है।
लगातार बदल रहा है मौसम का मिजाज
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि दिल्ली-NCR का मौसम लगातार अधिक अस्थिर होता जा रहा है। गर्मियों में जहां तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है, वहीं अचानक तेज तूफान और बारिश जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे केवल स्थानीय मौसम प्रणाली ही नहीं, बल्कि ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन भी जिम्मेदार हैं। जैसे-जैसे समुद्रों का तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे मौसमी प्रणालियां असामान्य होती जा रही हैं, और उनका प्रभाव सीधे मैदानी इलाकों में दिखाई देता है।
आने वाले दिनों में क्या रहेगा मौसम का हाल?
IMD ने अगले कुछ दिनों के लिए भी दिल्ली-NCR के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक 22 से 25 मई के बीच दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे इलाकों में तेज हवाएं, गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। इसके साथ ही, दिन में गर्मी और आद्र्रता में और वृद्धि हो सकती है, जिससे हीट इंडेक्स बढ़ेगा और लोगों को अधिक गर्मी महसूस होगी।
क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार आंधी-तूफान और तेज गर्मी जलवायु परिवर्तन के संकेत हैं। भारत के उत्तरी मैदानी इलाके खासतौर पर दिल्ली-NCR जलवायु अस्थिरता के केंद्र बनते जा रहे हैं। वर्षा की प्रकृति, गर्मी की तीव्रता और हवा की दिशा में जिस प्रकार के बदलाव हो रहे हैं, वे सामान्य नहीं हैं। यह परिस्थितियां इस बात की ओर इशारा करती हैं कि निकट भविष्य में मौसम और भी अधिक अनियमित और खतरनाक हो सकता है। इससे न केवल जनजीवन प्रभावित होगा, बल्कि खेती, जल आपूर्ति और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी बड़े स्तर पर प्रभावित हो सकते हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली-NCR में आंधियों का दौर कब रुकेगा?
दिल्ली-NCR में बार-बार तेज आंधी और तूफान का कारण एक समग्र और जटिल मौसमी प्रणाली है, जिसमें हरियाणा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैली ट्रफ लाइन, अरब सागर से आने वाली नमी, स्थानीय चक्रवातीय परिसंचरण और ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी वैश्विक समस्याएं शामिल हैं। यह सभी कारण मिलकर एक ऐसे मौसमी तूफान को जन्म दे रहे हैं, जो बार-बार दिल्ली में कहर बरपा रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना, घर में सुरक्षित रहना और प्रशासनिक निर्देशों को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है।
वीडियो रिपोर्ट: देखें दिल्ली में 21 मई को आए तूफान की लाइव फुटेज
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